वेब-डेस्क :- भारत सरकार ने पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो 2025 से लागू होंगे। इन परिवर्तनों का उद्देश्य दस्तावेज़ीकरण को सख्त बनाना और पासपोर्ट की पहचान को सरल बनाना है।
मुख्य बदलाव: 1. जन्म प्रमाण पत्र अनिवार्य: 1 अक्टूबर, 2023 या उसके बाद जन्मे आवेदकों के लिए पासपोर्ट आवेदन के समय जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार या नगर निगम द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। इससे पहले जन्मे आवेदक पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र या मैट्रिक सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज़ों का उपयोग कर सकते हैं।
2. पता जानकारी का डिजिटलीकरण: पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर अब आवासीय पता मुद्रित नहीं होगा। इसके बजाय, यह जानकारी बारकोड के रूप में एम्बेड की जाएगी, जिसे आवश्यकता पड़ने पर इमिग्रेशन अधिकारी स्कैन कर सकेंगे।
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3. रंग-कोडित पासपोर्ट: पासपोर्ट की पहचान को सरल बनाने के लिए रंग-कोडित प्रणाली लागू की गई है:
सफेद पासपोर्ट: सरकारी अधिकारियों के लिए।
लाल पासपोर्ट: राजनयिकों (डिप्लोमैट्स) के लिए।
नीला पासपोर्ट: आम नागरिकों के लिए, जैसा पहले होता था।
4. माता-पिता के नाम की अनिवार्यता समाप्त: पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ पर अब माता-पिता का नाम मुद्रित नहीं होगा, जिससे एकल अभिभावक या अलग हुए माता-पिता के बच्चों की गोपनीयता बनी रहेगी।
5. पासपोर्ट सेवा केंद्रों का विस्तार: सरकार ने अगले पांच वर्षों में पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या 442 से बढ़ाकर 600 करने का निर्णय लिया है, जिससे पासपोर्ट सेवाओं की पहुंच और सुविधा में वृद्धि होगी।
इन परिवर्तनों के साथ, पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया अधिक सुसंगत और सुरक्षित हो जाएगी, जिससे आवेदकों को बेहतर सेवा अनुभव प्राप्त होगा।
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