त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी जब महाज्ञानी रावण, जो सीता जी का हरण करके ले गया था, का वध करके और उस पर विजय प्राप्त करके और 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे, तब अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाकर दीपमाला कर उनका स्वागत…
त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्र जी जब महाज्ञानी रावण, जो सीता जी का हरण करके ले गया था, का वध करके और उस पर विजय प्राप्त करके और 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या लौटे, तब अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाकर दीपमाला कर उनका स्वागत किया था। इस वर्ष जनवरी में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार दीपावली के अवसर पर अयोध्या 28 लाख दीयों से जगमगा रही हैै। आज बुधवार 30 अक्तूबर को श्री राम, सीता और लक्षमण (रामायण के पात्रों) के साथ प्रतीकात्मक ‘पुष्पक विमान’ (हैलीकाप्टर) से उसी तरह अयोध्या पहुंचे जिस तरह त्रेता युग में श्री राम, सीता व लक्ष्मण अयोध्या पहुंचे थे।
इस वर्ष भी विश्व भर के हिन्दू समुदाय में दीपावली का पर्व उमंग और उल्लास से मनाया जा रहा है। अमरीका के व्हाइट हाऊस में भी दीपावली का पर्व राष्ट्रपति ‘जो बाइडेन’ ने हिन्दू समुदाय के लोगों के साथ मनाया। इस बार देश के पंडितों में दीपावली की तिथि को लेकर विवाद के कारण यह पर्व 2 दिन मनाया जा रहा है। कुछ स्थानों पर इसे अक्तूबर और अन्य स्थानों पर 1 नवम्बर को। विभाजन से पूर्व हम 34 करोड़ थे और अब हम बढ़ कर 144 करोड़ हो गए हैं। इसी कारण बाजारों में खरीदारी के लिए निकले लोगों की भीड़ ने भी तमाम रिकार्ड तोड़ दिए हैं तथा जगह-जगह ट्रैफिक जाम लग रहे हैं। महंगाई के बावजूद लोगों ने जम कर खरीदारी की है। एक अनुमान के अनुसार ‘धनतेरस’ के अवसर पर 29 अक्तूबर को देश भर में लोगों ने 20,000 करोड़ रुपए का सोना और 2500 करोड़ रुपए की चांदी तथा लगभग इतनी ही रकम के पीतल और अन्य धातुओं के बर्तनों की खरीदारी की है।
इस वर्ष यह पहला मौका है जब भारत और चीन ने 1920 से चले आ रहे सीमा विवाद को लेकर 21 अक्तूबर को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के अंतर्गत पूर्वी लद्दाख में ‘डेमचोक’ और ‘देपसांग’ से दोनों पक्षों के सैनिकों की वापसी को व्यवस्थित तरीके से लागू करके सेनाएं हटने का काम पूरा होने के बाद अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एल.ए.सी.) पर दीपावली से पैट्रोलिंग शुरू करने की तैयारी है। जहां यह समझौता दोनों देशों में चले आ रहे तनाव को दूर करने में कुछ सहायक होगा, वहीं इस क्षेत्र में भीषण ठंड होने के कारण यह दोनों ही पक्षों के सैनिकों के लिए भी सुकून देने वाला है क्योंकि अक्सर यहां के बर्फीले मौसम में तैनात जवानों के बर्फ में दब जाने जैसी दुर्घटनाएं होती रहती थीं।
इस प्रकार यह दीपावली जहां भारत के लिए महत्वपूर्ण है वहीं विश्व के लिए भी अत्यधिक महत्व रखती है। अभी तक 2 विश्व युद्ध हुए हैं। दूसरा विश्व युद्ध 1939 से 1945 के बीच हुआ जिसके दौरान अमरीका द्वारा अकेले जापान के हीरोशिमा और नागासाकी शहरों पर गिराए गए परमाणु बमों के परिणामस्वरूप ही लाखों लोग मारे गए थे। अब द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के 79 वर्ष बाद इसी तरह के एक और विश्व युद्ध की आहटें सुनाई दे रही हैं।
इसकी आशंका अढ़ाई वर्ष से जारी रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले से हुई जिसमें अब रूस के साथ उत्तरी कोरिया भी आ मिला है। दूसरी ओर यूक्रेन को अमरीका सहित यूरोपीय देशों का साथ है। इस बीच अपनी परमाणु शक्ति दिखाने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 18 व 28 अक्तूबर को देश के परमाणु बलों का नया अभ्यास करवाया और वह 10 दिनों के भीतर 2 बार परमाणु अभ्यास करवा चुके हैं।
दूसरी ओर लगभग सवा वर्ष से इसराईल और हमास के युद्ध ने भी भयानक रूप धारण कर लिया है। इसमें हमास के साथ अब ईरान और लेबनान भी शामिल हो गए हैं तथा अमरीका, ब्रिटेन एवं जर्मनी जैसे देश इसराईल का साथ दे रहे हैंं। इस तरह के माहौल के बीच अपने पाठकों और संरक्षकों को दीपावली की बधाई देते हुए हम यह कामना करते हैं कि रोशनी का यह पर्व सबके जीवन में उजाला लेकर आए। संसार में सुख-शांति, समृद्धि आए और सब मिलजुल कर रहें।
सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दु:खभाग् भवेत्॥