Harvest Festivals 2025: जानें कब है मकर संक्रांति, पोंगल और लोहड़ी? इस साल कब मनाया जाएगा ये त्योहार
पूरे देश में मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, उत्तरायण और बिहू का त्योहारों धूमधाम से मनाया जाता है। देशभर के राज्यों में इन त्योहारों को अलग-अलग नाम से जाना जाता है। ये सभी त्योहार फसल से जुड़े होते हैं। हर राज्य में इनको मनाने का तरीका भी काफी अलग होता है। इस दिन दान, पूजा और नई फसल का जश्न हर जगह मनाया जाता है।इसको उत्तरभारत में मकर संक्रांति, दक्षिण भारत में पोंगल,गुजरात में उत्तरायण, पूर्वोत्तर भारत में बिहू और पंजाबी समुदाय में लोहड़ी के नाम से जाना जाता है और इसको मनाया जाता है।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti)
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति पर्व का बहुत बड़ा महत्व है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन को मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत भी हो जाती है। साल 2025 में मकर संक्रांति मंगलवार, 14 जनवरी को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धूल जाते हैं। इस दिन दान करने का भी काफी महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान कई गुना फल देता है। इस दिन तिल, गुड़, अन्न, वस्त्र, और धन का दान करने से भगवान सूर्य और विष्णु की कृपा मिलती है। इस पर्व को पतंगों का त्यौहार, फसल के मौसम के उद्घाटन के रूप में भी मनाया जाता है।
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लोहड़ी (Lohri)
लोहड़ी त्योहार मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। लोहड़ी का त्योहार सूर्य के प्रकाश और अन्य प्राकृतिक तत्वों से तैयार हुई फसल की खुशी में लोग एकजुट होकर यह त्योहार मनाते हैं। हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले, यानी संध्याकाल में लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा। लोहड़ी वाले दिन दिन रात्रि में आग जलाकर उसमें तिल, गुड़, मूंगफली, रेवड़ी, खील और मक्के के दानों की आहुति दी जाती है।
पोंगल (Pongal)
दक्षिण भारत में पोंगल चार दिनों तक मनाया जाने वाला उत्सव है, जिसमें थाई पोंगल सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। थाई पोंगल उत्सव के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन एक नए मिट्टी के बर्तन में कच्चे दूध, गुड़ और नई फसल के चावलों को उबालकर एक विशेष व्यंजन तैयार किया जाता है, जिसे पोंगल कहा जाता है। पोंगल बनाते समय दूध को तब तक उबालने दिया जाता है, जब तक वह बर्तन से बाहर न गिर जाए। इस प्रक्रिया को भौतिक समृद्धि और सुख-शांति का शुभ संकेत माना जाता है। पोंगल का त्योहार दक्षिण भारत में बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष पोंगल का त्योहार 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा।
बिहू (Bihu)
पूर्वोत्तर भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक माघ बिहू असम में मनाया जाने वाला एक फसल कटाई का एक विशेष पर्व है। माघ बिहू किसानों का त्योहार है, जो फसलों की अच्छी पैदावार के लिए प्रकृति और भगवान के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है। इसे माघ महीने में मनाया जाता है, इसलिए इसे माघ बिहू भी कहा जाता है। इस दिन असम के लोग प्रकृति और देवताओं को धन्यवाद देते हैं और अपने उत्सव में परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हैं।
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