वेब-डेस्क :- आज महिला दिवस (8 मार्च) है। यह दिन महिलाओं को सशक्त, सबल बनने के लिए प्रेरित करता है। महिलाओं की उपलब्धियों पर बात करता है। सिनेमा ने भी महिलाओं के सशक्तिकरण में बड़ा योगदान दिया है। जानिए, ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में जिनमें महिलाओं के सशक्त, सबल और आत्मनिर्भर बनने की कहानियां दिखाई गईं।
लापता लेडीज
साल 2023 में किरण राव निर्देशित फिल्म ‘लापता लेडीज’ कॉमेडी ड्रामा जरूर थी लेकिन इसकी कहानी महिलाओं से जुड़े गंभीर मुद्दों को उठाती है। ग्रामीण भारत में मौजूद पर्दा प्रथा पर कटाक्ष करती है। साथ ही महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनना चाहिए, इस बात की सीख भी फिल्म ‘लापता लेडीज’ देती है। यह फिल्म महिला सशक्तिकरण की बात को बहुत ही सहज और सरल ढंग से कह देती है।
रानी मुखर्जी ने फिल्म ‘मर्दानी’ में एक पुलिस ऑफिसर का रोल किया, जो अपराध के खिलाफ एक बड़ी जंग लड़ती है। इस फिल्म का सीक्वल भी बना था। जिसमें महिलाओं के खिलाफ होने वाली अपराधों को दिखाया गया। साथ ही समाज का महिलाओं को लेकर क्या नजरिया है? इस बात पर भी यह फिल्म बात करती है। साल 2014 में रिलीज हुई इस फिल्म को प्रदीप सरकार ने डायरेक्ट किया था।
श्रीदेवी ने बॉलीवुड में कमबैक के तौर पर फिल्म ‘इंग्लिश विंग्लिश (2012)’ को चुना था। इस फिल्म की कहानी ने दर्शकों के दिलों को छू लिया था। फिल्म में एक आम गृहिणी की कहानी है जिसकी कद्र उसके अपने परिवार वाले नहीं करते। फिर वह अमेरिका अपने रिश्तेदार की शादी में जाती है, वहां इंग्लिश क्लासेज लेती है। इस एक बदलाव से उसका खुद पर भरोसा जागता है, वह आत्मविश्वासी बनती है। फिल्म के अंत में उसके परिवार वाले भी उसकी अहमियत को समझते हैं। श्रीदेवी की इस फिल्म को गौरी शिंदे ने निर्देशित किया था।
1957 में रिलीज हुई नरगिस दत्त की फिल्म ‘मदर इंडिया’ हिंदी सिनेमा जगत की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। फिल्म की कहानी एक सशक्त महिला के जीवन को दिखाती है। फिल्म में राधा बनीं नरगिस दत्त जीवन में आने वाले हर संघर्ष का सामना करती है, अपने बच्चों की परवरिश करती है। फिल्म के आखिर में जब उसका बेटा ही एक गलत फैसला लेता है, एक अपराध को अंजाम देता है तो वह उसे भी माफ नहीं करती। फिल्म ‘मदर इंडिया’ को महबूब खान ने निर्देशित किया था।
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