वेब-डेस्क : उत्तरप्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है। उमसभरी गर्मी में भीड़भरे ट्रेन कोच ने 32 वर्षीय मजदूर ज्ञानेंद्र गोंड के लिए काल साबित हो गया। गोंड, जो पडरौना के धरमपुर बुजुर्ग निवासी थे, दीपावली मनाने वडोदरा से घर लौट रहे थे। उनके साथ साथी मिंटू और श्रीप्रसाद थे।
कच कच से भरा था जनरल कोच
परिवार के अनुसार, ज्ञानेंद्र वडोदरा की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करते थे। शनिवार को वे दीपावली घर पर मनाने के लिए अपने भाई-बंधुओं से मिलने जा रहे थे। वडोदरा-गोरखपुर स्पेशन ट्रेन के जनरल कोच में अत्यधिक भीड़ थी, और यात्री इतने थे कि पैर रखने तक की जगह नहीं बची थी। इस स्थिति में ज्ञानेंद्र की तबीयत अचानक बिगड़ गई।
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क्या है मौत की सटीक वजह ?
जीआरपी के कार्यवाहक इंस्पेक्टर ने बताया कि परिजन कुछ भी कहें, लेकिन मौत की सटीक वजह अभी स्पष्ट नहीं है। ट्रेन सेंट्रल स्टेशन पर पहुंचते ही जीआरपी कर्मियों ने ज्ञानेंद्र को उतारकर लोको अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने आरोप लगाया कि ट्रेन में भीड़ के कारण ज्ञानेंद्र की दम घुटने से मौत हुई। परिवार ने शव लेकर घर चले गए और इस घटना ने इलाके में दुख और शोक की लहर फैला दी है।
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