रायपुर :- समाजसेवी बसंत अग्रवाल के नेतृत्व में स्व. श्री पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन के तत्वावधान में दही हांडी उत्सव स्थल,अवधपुरी मैदान, श्रीनगर रोड, गुढिय़ारी में चल रहे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा के तीसरे दिन मुस्लिम समाज के सलमान ने जहां हिन्दु धर्म को अपनाया वहीं ओडिया समाज की बिन्दु बाई और श्रीमती निर्मला ने ईसाई धर्म को छोड़कर फिर से हिन्दु धर्म अपनाकर घर वापसी की। इससे पूर्व लोक कलाकार दिलीप षडंगी, कांता सरण और अरु साहू का सम्मान भी किया गया। कथा समाप्त के बाद मंगलवार को रात को 9.30 बजे पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने ऑफिशयल फेसबुक और यूट्यूब चैनल पर आम जनता से लाईव बातचीत करेगे और अभी तक 1 करोड़ 6 लाख यूट्यूब पर और फेसबुक पर भी एक करोड़ लोग जुड़ चुके है। मंगलवार को भी बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दिव्य दरबार 12 बजे लगेगा और इस बार प्रेत राज सरकार का दरबार लगेगा। वहीं सुबह 9 बजे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दीक्षा ग्रहण करने वाले भक्तजनों को दीक्षा देंगे।
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मुस्लिम परिवार ने अपनाया हिन्दू धर्म, पूर्वजों के अपनाए ईसाई धर्म को छोड़कर बिन्दु बाई ने परिवार सहित की घर वापसी
मुर्रा भट्टी के रहने वाले सलाम ने आज सनातन धर्म को अपना लिया। श्री हनुमंत कथा के मंच पर उन्होंने कहा कि मैं पहले भी पूजा-पाठ करता था लेकिन घर वाले मना करते थे लेकिन आज जब यहां घर वापसी का कार्यक्रम चल रहा था तो उन्होंने भी सनातन धर्म को अपनाने का सोचा और अब वे आज से सनातन धर्म को अपना लिया है। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस दौरान उनसे कहा कि आप एक एफीडेविड बनाकर एक कॉपी कलेक्टर को जरुर दें, आपका सनातन धर्म में स्वागत है। इनको गंगाजल पिलाया जाए और तिलक लगाकर स्वागत किया जाए। इस दौरान बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मंत्र पढ़कर गंगाजल पिलाया और कहा कि आज से सलमान राजवीर के नाम से जाना और पहचाना जाएगा।
इसके बाद ओडिया बोलने वाले परिवार जिनके पूर्वज यानी उनके ससुर ने हिन्दु धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म को अपना लिया था अपने पूरे परिवार के साथ वापस आज हिन्दू धर्म को अपनाया। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि आज से आप हनुमान जी पूजा-पाठ करना, किसी ने आपको जोर तो नहीं दिया, आप अपनी मर्जी से घर वापसी कर रही है। सभी लोगों को तिलक व गंगाजल पिलाया गया। जोरदार ताली बाजाकर इनका स्वागत किया और हनुमान जी की फोटो सप्रेम भेंट के रुप में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन्हें दिया। इसके अलावा श्रीमती निर्मला जो पहले ईसाई धर्म में चली गई थी अपने परिवार के साथ आज घर वापसी की।
दिलीप षडंगी, कांता सरण और अरु साहू का हुआ सम्मान
श्री हनुमंत कथा के तीसरे दिन दिव्य दरबार समाप्त होने के बाद छत्तीसगढ़ी गायक दिलीष षडंगी मंच पर आए और चंदवा बैगा गाना गाने लगे तो वहां मौजूद श्रद्धालुजन झूमने लगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं अपने जीवन के सबसे बड़े सौभाग्य मानता हूं कि जिसे देखने से मन प्रतिभूलित हो जाता है। अइसे लगत हे साक्षात भगवान ही ये मेर प्रकट हो गिस हवए। आप मन छत्तीसगढ़ के कलाकार मन लो जो सम्मान देवत हव ओकर बर पूरा छत्तीसगढ़ की ओर से मैं धव्यवाद करता हूं। इसके बाद अरुण साहू ने अपनी प्रस्तुति दी। इसके अलावा कांता सरण और अरु साहू ने भी अपनी प्रस्तुति दी। इसके बाद मुख्य आयोजक युवा समाजसेवी बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले) व बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उनका मंच पर सम्मान किया।
इस अवसर पर परिवहन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, साजा विधायक ईश्वर साहू, विधायक रोहित साहू, पूर्व विधायक नारायण चंदेल, भाजपा संगठन महामंत्री पवन साय, युवा समाजसेवी चंदन – बसंत अग्रवाल (थान खम्हरिया वाले), हिन्दु जागरण मंच के प्रांत संयोजक अवधेश दुबे, भार्गव जी, डा. सलीम राज, प्रितेष रागी, सुनील खेमका, दीपक भारद्वाज, आशा तिवारी, शालिनी राजपूत के अलावा अन्य गणमान्य नागरिकजन उपस्थित थे।
गुढिय़ारी वाले हनुमान जी की जयकारे के साथ बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा के तीसरे दिन की कथा की शुरुआत करते हुए भक्तजनों से कहा कि दो साल बाद आज फिर से उसी जगह पर दिव्य दरबार लग रहा है और दो साल पहले यही से पूरे धर्म विरोधियों के ऊपर उन्होंने तमाचा मारा था। आज सुबह जब वे हनुमान जी की आरती कर रहे थे तब उन्होंने आकर उनसे कहा कि रायपुर में दो दिन का दिव्य दरबार लगाया जाए। हर जगह एक दिन का लगता है लेकिन रायपुर यही वह भूमि है जहां बजरंग बली का झंडा ऐसा गड़ा की हा ईल्ला हे वालों की ठटरी व गठरी बंध गई थी। कल 12 बजे यहां प्रेत राज सरकार का दरबार लगेगा। बालाजी सरकार ने ऐसा मुंह घूमाया था कि जो महाराष्ट्र वाला टकला था उसका पकला उधड़ गया था। वो लंबी-लंबी फेक रहा था और हनुमान जी ने ऐसी पूंछ घूमाई कि दो साल बाद भारत तो भारत हम तो यूगांडा के प्रधानमंत्री की भी अर्जी का पर्ची खोल दिया। उन्हें हिन्दी नहीं आती और हमें अंग्रेजी नहीं आती। लंदन, आस्ट्रेलिया, न्यूलीलैंड, सीजी, मस्काटोमा, जहां सबसे ज्यादा है वहां भी हो आए और तो और लंदन की संसद में हनुमान चालीसा का पाठ कर आए। ये हमारा चमात्कार नहीं है बागेश्वर बालाजी सरकार का है।
उन्होंने कहा कि दिव्य दरबार में अर्जी लगाने के बाद लहसून, मांस, मंदिरा का सेवन पूरी तरह से बंद करना है। महीने, दो महीने या तीन महीने में बालाजी सरकार का दर्शन करना है, 11 और 21 पेशी करने का प्रण लेना है। सुबह 6 बजे आरती में पहुंचना है, जब तक धाम ना पहुंच पाओ मंगलवार को ऊँ बागेश्वराय मंत्र का जाप करना है। प्रेत-बाधा से परेशान हो तो प्रतिदिन नही तो मंगलवार को सन्यासी बाबा का हवन करना है। सपने में दो दिन तक अगर बंदर दिखाई दें तो समझ जाना तुम्हारी अर्जी लग गई है और बालाजी की सेना आ गई है। महाराष्ट्र में तीन दिन पहले अमेरिका का एक नागरिक कह रहा था तुम सब ईसाई बन जाओ बीमारियां भग जाएगी, हम कहते है हिन्दुओं को जो भी तुम दूसरे मजहब में चले गए हो घर वापस आ जाओ, हम गारंटी ले रहे है हनुमान जी के नाम से। तुम्हें दरबारो में भटकने की आवश्यकता नहीं है और ना ही तंत्र-मंत्र के चक्कर में पडऩे की आवश्यकता नहीं है। कलयुग में हनुमान जी तीन जगहो पर बालाजी के रुप में बैठे, महंदीपुर बालाजी, सालासर बालाजी और मध्यप्रदेश के छत्ररपुर गांव में स्थित बागेश्वर बालाजी। तीनों जगहों पर महंदीपुर में बालाजी है वह बुढ़े बप्पा जी है, सालासर में बालाजी है उनके मुंछे है वह जवान है और बागेश्वरधाम के बालाजी बाल हनुमान है जो छोटे से है और तीनो जगहों पर एक-एक संत बैठे है जिनकी कृपया सब पर बरस रही है। सालासर में मोहनदास बाबा जी कृपा है, मेहंदीपुर में समादी वाले बाबाजी है और बागेश्वरधाम में पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कृपा से प्रकट हुए।
नियम भी बदल गए है – बागेश्वर धाम में शनिवार को प्रेत राज सरकार का दरबार लगेगा, मंगलवार को पुरानी पेशी का दरबार चढ़ेगा, गुुरुवार को हम मंदिर में बालाजी की सेवा करते हुए भाभूति बांटेंगे। यहां जितने लोग बैठे है सभी से एक-एक ईंट का सहयोग मांगा बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने। आप यदि लोग मदद करोगे तो हमें अमीरों के घर नहीं जाना पड़ेगा मांगने के लिए। 2027 में जब इसका उद्घाटन होगा तब तुम भी तो कहोगे की हमारी भी एक ईंट लगी है।
अगर भगवान को नचाना है तो माधव को चुनो
भगवान कहते है एक है माया और दूसरी है भक्ति। यदि तुम्हें खुद नाचना हो तो माया लो, अगर मुझे नचाना हो तो भक्ति लो। भगवान के भक्ति को प्राप्त करोगे तो परमात्मा तुम्हारे सामने नृत्य करेंगे, अगर तुम भगवान की माया को पओगे तो तुम्हें संसार में नाचना पड़ेगा। खुद नाचना है तो माया को चुनो, अगर भगवान को नचाना है तो माधव को चुनो। जो पति को पतन से बचाए वह है पत्नी। पहले के जमाने में पत्नियां अपने पतियों को पतन से बचाती थी लेकिन आज के जमाने में जो तुम्हें करना है शो करो। केंवट को देने के लिए जब रामजी के पास कुछ नहीं था तब किशोरी जी भगवान राम से कहते है कि आपके हाथ में कुछ नहीं है पर आपके दूसरे वाले हाथ मतलब हमारे हाथ में तो कुछ है उसे ही दे दो। आपका हाथ और हमारा हाथ दो नहीं है क्योंकि आपके हाथ पर हमारा हाथ हमारे पिताजी ने रख करके आपको दान किया हुआ है। अब जो कुछ भी हमारा है वह आपका है। नोटबंदी के पहले माताजी कहती थी कुछ रुपये है जहर खाबे नहीं, जिस दिन नोटबंदी हो गई उस दिन जो कह रही थी जहर खाबे नहीं उनके यहां पांच-पांच की गड्डियां थी। क्योंकि माताओं की आदत होती है बचत करने की। मिठाई खाकर अगर चाय पिओगे तो वह फिकी लगेगा इसी प्रकार जो ब्रम्हा को देख लेता है उसे और किसी परमात्मा को देखने की जरुरत नहीं पड़ती।
भगवान आपका चरित्र देखता है वह कभी भी आपका चित्र नहीं देखता
मेरे पागलो भगवान के अलावा किसी के पीछे पागल मत होना। केंवट कहता है प्रभू हमें आपके अलावा कोई नहीं दिखता है और रामजी ने केंवट को गले से लगा लिया। आज केंवट क्या नहीं पा गया रामजी के दर्शन और रामजी को पा गया। जो भगवान को पा जाता है वह क्या नहीं पा जाता। बुरा मत मानना आप फूट-फूटकर लोगों को अपना बनाओंगे तो आप कुछ नहीं पा सकते, यदि आप भगवान को अपना बना लोगों तो पूरी दुनिया को अपना बना लोगे। दूसरी बात आप चित्र को साफ करने में लगे हो, चित्र को साफ करने के बजाए अपने चरित्र को साफ कर लो, भगवान आपका चरित्र देखता है वह कभी भी आपका चित्र नहीं देखता। तीसरी बात बातें बड़ी मत करो पर विचार बड़े रखे, व्यवहार बड़ा करो। लाखों लोग ऐसे है दुनिया में जिनके पास करोड़ों रुपये है, अरबो मकान है लेकिन उनके घर कोई नहीं जाता, लेकिन जिनके झोपड़ी टूटी है पर दिल बड़ा है।
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