डिजिटल डेस्क :- लगभग 40 वर्षों से पत्रकार रहे एक प्रमुख अमेरिकी प्रोफेसर टेरिल जोन्स ने कहा है कि भारत, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को समाप्त करवाने की एक अद्वितीय स्थिति में है। हालांकि, अमेरिका दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने के लिए बार-बार प्रयास कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ संवाद बनाए रखने में सक्षम रहा है, लेकिन यह बातचीत आदर्श नहीं रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ”बहुत जिद्दी हो सकते हैं,” मगर रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम सुनिश्चित करने में भारत संभावित भूमिका निभा सकता है।
”अमेरिकी राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात कर सकते हैं, हालांकि जाहिर है कि कभी-कभी उनके बीच कटुता भी रही है। वे पुतिन से भी बात कर सकते हैं, मगर पुतिन बहुत जिद्दी हो सकते हैं और हो सकता है कि इन बातों से कोई नतीजा न निकले। भारत ऐसी स्थिति में है, जहां वह दोनों से बात कर सकता है और दोनों नेताओं की बात सुन सकता है, जो अन्य बड़े देश नहीं कर सकते, इसलिए जब आपके पास एक बड़ा देश हो जो मध्यस्थ की भूमिका निभा सके, तो यह एक तार्किक रास्ता हो सकता है।”
जोन्स ने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री मोदी या भारत सरकार इस पर जोर देना चाहती है, लेकिन इससे कुछ फायदा हो सकता है। क्या यह आश्चर्यजनक नहीं होगा अगर प्रधानमंत्री मोदी ही रूस और यूक्रेन के बीच युद्धविराम पर बातचीत करवा पाते..और उन्हें ही नोबेल शांति पुरस्कार मिलता?”
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