वेब-डेस्क :- ई-केवाईसी (डिजिटल नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भी सुलभ बनाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है।
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न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने एसिड अटैक पीड़ितों और दृष्टिहीन या दृष्टि बाधित लोगों को ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने में आने वाली समस्याओं के संबंध में जनहित याचिका पर फैसला सुनाया।
अदालत ने कहा कि डिजिटल पहुंच का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का अभिन्न अंग है।
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