बलरामपुर :- छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलरामपुर श्री हेमन्त सरार्फ की अध्यक्षता में 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर लरंगसाय कम्यूनिटी हॉल रामानुजगंज में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री श्रीकांत श्रीवास मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. सुमित कुमार सोनी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री लोकेश कुमार, बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री विनय यादव, विधिक सह परीविक्षा अधिकारी श्री विकास गुप्ता, महिला विकास विभाग बलरामपुर श्रीमती मंजू जायसवाल, , केन्द्र प्रशासक, सखी वन स्टॉप सेन्टर, महिला बाल विकास बलरामपुर श्रीमती रंजिता गुप्ता , बाल कल्याण समिति सदस्य श्रीमती किरण यादव ,अधिवक्ता, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय रामानुजगंज, उपस्थिति थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ महात्मा गांधी जी के प्रतिमा में दीप प्रज्वल्लन, माल्यार्पण कर किया गया। अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री हेमन्त सरार्फ ने कहा कि आज 08 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस दुनिया भर में मनाया जा रहा है, यह दिन महिलाओं के अधिकारों, उनकी उपलब्धियों और समाज में उनके योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, दुनियाभर में यह दिन महिलाओं की समानता, सशक्तिकरण और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, सेमिनारों और रैलियों के माध्यम से मनाया जाता है।
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श्रीकांत श्रीवास ने कहा
द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीकांत श्रीवास ने कहा की महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिए दुनिया भर में इस दिन को मनाया जाता है। इस दिन दुनिया के बहुत से देशों में महिला उपलब्धि को सराहा जाता है। उन्होने उपस्थित छात्राओं को कहा कि आप सब चमकते हुए सितारे हैं, आपलोगों पर पूरा समाज टिका हुआ है। आप सभी छात्राओं को स्वालम्बी बनना जरुरी है। आज के दौर में महिलायें किसी से कम नही है सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अपने कदम जमायें है व सभी क्षेत्रों मे पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर समाज के विकास मे अपना योगदान दे रही है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. सुमित कुमार सोनी ने कहा कि आज महिलाएँ भारत देश के समाज के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रही है, बस जरूरत है हमारी माताएँ, बहने जो विशेष पिछडी जनजाति एवं गांव की है उन्हे शासन से प्रदान होने वाली योजनाओं के बारे में बताना एवं समाज की मुख्य धारा से जोडना। ताकि उन्हें सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।
महिलाओं ने किया था अपने हक की लड़ाई के लिए हड़ताल
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री लोकेश कुमार ने कहा कि 08 मार्च 1917 को महिलाओं ने अपने हक की लड़ाई के लिए हड़ताल की थी, इसके बाद यूनाईटेड नेशन ने इसी दिन को ध्यान में रखते हुए 1975 में आधिकारिक रूप से 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की, तब से लेकर हर साल 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य समाज से महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना और उन्हे समान अधिकार दिलाना है। यह दिन महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने का दिन है। साथ ही उन्होंने कार्य स्थल पर यौन उत्पीडन की रोकथाम अधिनियम, लोक अदालत, घरेलू हिंसा, नालसा टोल फ्री नंबर 15100, शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो एक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। सखी वन स्टॉप सेन्टर महिला बाल विकास विभाग की केन्द्र प्रशासक श्रीमती मंजू जयसवाल के द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व योजना, कुपोषण से निवारण हेतु आंगनबाड़ी के माध्यम से मिलने वाली राहत राशि एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के विभिन्न स्कीमों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। अधिवक्ता, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय श्रीमती किरण यादव द्वारा घरेलू हिंसा, भरण पोषण के साथ महिलाओं के कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में आंगनबाडी कार्यकर्ता, स्वयं सहायता समूह, सखी वन स्टॉप सेंटर के समस्त स्टॉफ, नगर पंचायत के महिला सफाईकर्मी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रामानुजगंज के महिला कर्मचारीगण के साथ कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास के छात्राएं उपस्थित थे।
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