धरती फाड़कर प्रकट हुई मां काली की प्रतिमा
गोरखपुर का गोलघर शहर का प्रमुख स्थान है, लेकिन वर्षों पहले यह क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ था। मान्यता है कि एक दिन अचानक इस स्थान की धरती फटी और मां काली की मूर्ति प्रकट हुई। यह बात तेजी से पूरे क्षेत्र में फैल गई, जिसके बाद यहां पूजा-अर्चना प्रारंभ हो गई। श्रद्धालुओं की बढ़ती आस्था को देखते हुए विक्रम संवत में सेठ जांगीलाल जायसवाल ने इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। तभी से यह मंदिर शक्ति उपासना का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।
यह भी पढ़े …. नवरात्रि में छत्तीसगढ़ के 36 माताओं का दर्शन और आराधना – unique 24 news
भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं मां काली
मंदिर में आने वाले भक्तों का कहना है कि जो भी सच्चे मन से मां काली की अराधना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। यहां रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए पूजा करने आते हैं। खासकर नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में विशेष अनुष्ठान और पूजन होता है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
नवरात्रि में होती है विशेष पूजा-अर्चना
मंदिर के पुजारी कृष्ण गोपाल सैनी बताते हैं कि नवरात्रि के दौरान मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। नौ दिनों तक माता की अखंड ज्योति जलती है और दिन-रात भजन-कीर्तन होते हैं। भक्तगण अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए माता के चरणों में मत्था टेकते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां आता है, उसकी झोली कभी खाली नहीं जाती।
गोरखपुरवासियों के लिए शुभ कार्यों का केंद्र
यह मंदिर न केवल शक्ति उपासना का केंद्र है बल्कि गोरखपुर के लोगों के लिए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने का पवित्र स्थल भी है। विवाह, व्यापार या कोई नया कार्य शुरू करने से पहले यहां मां काली का आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है।
गोलघर काली मंदिर: श्रद्धा और चमत्कार का प्रतीक
गोरखपुर का यह प्राचीन मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था और चमत्कार का प्रतीक भी है। नवरात्रि के दौरान अगर आप गोरखपुर में हैं, तो इस चमत्कारी मंदिर के दर्शन अवश्य करें और मां काली का आशीर्वाद प्राप्त करें।
देश दुनिया की ताजातरीन खबरों के लिए
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें….
All Rights Reserved By unique24cg | Design & develop by Unique Media Vision