नागपुर । नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के खिलाफ बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई हुई है। महाराष्ट्र की सरकार ने आज सोमवार को उसके घर पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। इससे पहले नगर निगम ने उसे 24 घंटे के भीतर खुद ही अवैध निर्माण हटाने का समय दिया था, लेकिन समयसीमा समाप्त होने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई की।
देशद्रोह का मामला दर्ज
नागपुर हिंसा के मास्टरमाइंड फहीम खान समेत छह लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। फहीम पर 500 से अधिक दंगाइयों को उकसाने और हिंसा भड़काने का आरोप है। पुलिस ने 19 मार्च को उसे गिरफ्तार किया था। 21 मार्च को फहीम ने सेशंस कोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी, जिसमें उसने राजनीतिक प्रतिशोध का दावा किया था। फिलहाल, वह पुलिस हिरासत में है।
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फहीम खान कौन है?
मास्टरमाइंड फहीम पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। फहीम सहित 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेजा दिया है। फ़हीम शमीम ख़ान ने 2024 के लोकसभा चुनावों में नागपुर से अल्पसंख्यक लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। फहीम ने 10वीं कक्षा तक शिक्षा प्राप्त की है। उसके पास मात्र 75,000 रुपए की संपत्ति घोषित की थी। कोई देनदारी या वार्षिक आय दर्ज नहीं की थी। चुनावों में फहीम को मात्र 1,073 वोट मिले थे।
#WATCH महाराष्ट्र: नागपुर हिंसा के आरोपी फहीम खान के घर पर प्रशासन के द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। मौके पर पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं। pic.twitter.com/lCSNOSpZKi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 24, 2025
कैसे भड़की हिंसा?
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सोमवार (17 मार्च) को औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब का पुतला जलाया। पुतले में आपत्तिजनक सामग्री का इस्तेमाल किया। इसमें एक चादर को भी रखा गया। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक समुदाय विशेष के लोग चौराहे पर जमा हो गए और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाने लगे।
हिंसा में पुलिसकर्मी भी हुए घायल
देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद, कुछ युवा दूसरे चौक पर पहुंचे। दूसरे पक्ष के लोग भी पहुंचे। दोनों पक्षों में पथराव और तोड़-फोड़ शुरू हो गई। घरों और दर्जनों वाहनों में आग लगा दी। पुलिस पर भी हमला किया। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए। हिंसा में 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
यहां से शुरू हुआ विवाद
महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी के बयान से विवाद शुरू हुआ। अबू ने 3 मार्च को कहा था कि हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू-मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता। बयान से शुरू हुआ बवाल बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र सहित कई राज्यों तक सियासी आहट पहुंच गई है।
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