Naxalites surrendered in Maharashtra: महाराष्ट्र के गढ़चिरोली पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) में 11 नक्सलियों ने CM देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के सामने आत्मसर्मपण किया है. सरेंडर किए नक्सलियों में तारक्का सिदाम भी शामिल है. CM फडणवीस ने नक्सलियों का स्वागत किया और उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा.
गढ़चिरौली (Gadchiroli) जिले के दूरदराज इलाकों में नक्सलियों का प्रभाव कम हो रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के नेतृत्व और गढ़चिरौली पुलिस और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की बदौलत पिछले चार वर्षों में नक्सली गढ़चिरौली में एक भी व्यक्ति को अपने साथ नहीं जोड़ पाए हैं. अब शीर्ष माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं.
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#WATCH | 11 naxals including Tarakka Sidam surrender before Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis at Gadchiroli Police headquarters pic.twitter.com/vhvGmPpQdH
— ANI (@ANI) January 1, 2025
सीएम फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र नक्सलवाद से मुक्त होने की दिशा में बढ़ रहा है. उन्होंने दावा किया कि अब नक्सली हथियार छोड़कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर रहे हैं. साथ ही नए लोग भी नक्सली संगठन में शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा नक्सलवाद अब समाप्ति के करीब है. माओवादियों के प्रभाव को खत्म करके गढ़चिरौली को ‘पहला जिला’ बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. गढ़चिरौली को अक्सर महाराष्ट्र का अंतिम जिला कहा जाता है, क्योंकि यह राज्य की पूर्वी सीमा पर स्थित है.
सीएम फडणवीस ने आज गढ़चिरौली के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित पेनगुंडा पुलिस सहायता केंद्र का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कहा “यह बहुत महत्वपूर्ण पुलिस स्टेशन है क्योंकि इस इलाके में माओवादियों का प्रभाव था, जिसे अब खत्म किया गया है. यहां नक्सलियों ने जो अपना स्मारक तैयार किया था, उसको भी समाप्त कर दिया गया है. राज्य पुलिस ने यहां अपना आउटपोस्ट तैयार किया है और एक नया रास्ता भी खोल दिया है. इससे हमारी छत्तीसगढ़ के साथ कनेक्टिविटी तैयार होगी और यहां के लोगों को सुविधाएं देने में आसानी होगी.”
मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर ताड़गुड़ा में पुल का उद्घाटन किया और गट्टा से वांगेतुरी तक एमएसआरटीसी बस सेवा की शुरुआत की. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के साथ राज्य परिवहन की बस में यात्रा भी की. फडणवीस ने विदर्भ क्षेत्र में स्थित जिले में 32 किलोमीटर लंबे गट्टा-गरदेवाडा-वांगेतुरी मार्ग और वांगेतुरी-गरदेवाडा-गट्टा-अहेरी मार्ग पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बस सेवाओं का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़चिरौली सरकार के लिए (प्राथमिकता सूची में) अंतिम नहीं, बल्कि ‘पहला जिला’ है.
75 साल बाद एमएसआरटीसी बस की मिली सुविधा
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आज जिस सड़क संपर्क का उद्घाटन किया गया है, वह महाराष्ट्र को सीधे छत्तीसगढ़ से जोड़ेगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव से मुक्त हो रहा है और लोगों को आजादी के 75 साल बाद एमएसआरटीसी बस सेवाएं मिल रही हैं. फडणवीस ने नक्सलवाद के खिलाफ गढ़चिरौली पुलिस के काम की सराहना की और कहा कि लोग अब नक्सलियों का समर्थन नहीं करते और ना ही कोई व्यक्ति प्रतिबंधित नक्सली संगठन में शामिल होना चाहता है. उन्होंने कहा, “यह बहुत महत्वपूर्ण है.”
चार वर्षो में नक्सली नहीं जोड़ पाए एक भी सदस्य- सीएम फडणवीस
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान सभा को संबोधित करते सीएम फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार पिछले दस वर्षों से गढ़चिरौली को परिवर्तित करने की कोशिश कर रही है, ताकि आम आदमी को मुख्यधारा में लाया जा सके और इस जिले से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंका जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व और गढ़चिरौली पुलिस और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की बदौलत पिछले चार वर्षों में नक्सली गढ़चिरौली में एक भी व्यक्ति को अपने साथ नहीं जोड़ पाए हैं. उन्होंने कहा कि शीर्ष माओवादी आत्मसमर्पण कर रहे हैं और मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं.
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