वेब -डेस्क :- एचआईवी से बचाव के लिए विकसित किए गए वार्षिक इंजेक्शन लेनाकेपवीर ने महत्वपूर्ण प्रारंभिक सुरक्षा परीक्षण (चरण I) को सफलतापूर्वक पार कर लिया है। यह दवा वायरस को कोशिकाओं में प्रतिकृति बनाने से रोकती है। यदि भविष्य के परीक्षण भी सकारात्मक रहे, तो यह एचआईवी रोकथाम के लिए अब तक का सबसे प्रभावी और दीर्घकालिक समाधान बन सकता है।
वर्तमान में, लोग प्री-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PrEP) के रूप में रोज़ाना गोलियां लेते हैं या हर आठ सप्ताह में इंजेक्शन लगवाते हैं। हालांकि, इस नई वार्षिक खुराक से उपचार प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक और प्रभावी बनाने की संभावना है।
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परीक्षण और प्रभाव:
शोध के तहत, 40 एचआईवी-मुक्त प्रतिभागियों को लेनाकेपवीर का इंजेक्शन लगाया गया, जिसमें कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं देखा गया। 56 सप्ताह बाद भी दवा उनके शरीर में सक्रिय पाई गई। विशेषज्ञों का मानना है कि वार्षिक खुराक से PrEP की पहुंच और प्रभावशीलता में सुधार हो सकता है, जिससे एचआईवी रोकथाम में नई संभावनाएं खुल सकती हैं।
वैश्विक रणनीतियाँ और चुनौतियाँ:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), ग्लोबल फंड और संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम (UNAIDS) 2030 तक एचआईवी महामारी समाप्त करने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। हालांकि, PrEP तक समान पहुंच की कमी के कारण असमानताएं बनी हुई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश और बेहतर वितरण प्रणाली से यह समस्या हल हो सकती है।
वार्षिक PrEP इंजेक्शन की यह सफलता एचआईवी रोकथाम के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है। हालांकि, इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को सशक्त करने और नीति-निर्माण में तेजी लाने की जरूरत होगी।
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