आधार कार्ड नहीं, अब सिर्फ आपका चेहरा ही पहचान !

आधार कार्ड नहीं, अब सिर्फ आपका चेहरा ही पहचान !

वेब डेस्क :- डिजिटल इंडिया की दिशा में UIDI ने एक बड़ा अपडेट किया है, जिसमे आधार कार्ड के साथ एक नया फीचर जोड़ा गया है| जिसमे फेस ऑथेंटिकेशन को आधार कार्ड के साथ लिंक किया गया जिससे डिजिटल धोखाधड़ी रुकेगी, बुजुर्गों को सहूलियत मिलेगी और डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम होगा.
डिजिटल इंडिया की दिशा में UIDI ने एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए, अब आधार कार्ड के झंझट से मुक्ति मिलने वाली है. अब हर बार आधार कार्ड दिखाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि आपका चेहरा ही आपका पहचान पत्र बनेगा. फेस ऑथेंटिकेशन (Face Authentication) तकनीक के जरिए नागरिकों की पहचान सत्यापित

की जाएगी| पहले जहां सरकारी और निजी सेवाओं के लिए आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र दिखाने की आवश्यकता होती थी, अब फेस ऑथेंटिकेशन के जरिए बिना किसी दस्तावेज़ के ही पहचान सत्यापित होगी. यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी और इससे सेवाओं आसान होगी और गति पर तेजी से बढ़ेगी.

कब और क्यों बनाया गया ये एप्प ?

UIDI ने आधार कार्ड फेस ऑथेंटिकेशन फीचर को 1 जुलाई 2018 से लागु किया था जो फिंगरप्रिंट ,आईरिस स्कैन या ओटीपी जैसे मौजूदा प्रमाणीकरण तरीको में कठिनाई का सामना कर रहे थे | फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से उपयोगकर्ता अपने चहरे की पहचान  के जरिये आसानी से प्रमाणीकरण के सकते है उसके पशचात जुलाई2022 में “Aadhaar FaceRD ” नामक app लाया गया |

 

 

Aadhaar FaceRD App से क्या और किन लोगो को होंगे फायदे:

इससे सेवाएं और तेज़, सुरक्षित और आसान बनेंगी. सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी कंपनियों को भी आधार प्रमाणीकरण की अनुमति मिल गई है, जिससे बैंकिंग, हेल्थकेयर, ई-कॉमर्स और ट्रैवल जैसी सेवाएं और सुगम हो जाएंगी.निजी कंपनियां भी कर सकेंगी आधार प्रमाणीकरण अब तक आधार प्रमाणीकरण केवल सरकारी सेवाओं तक सीमित था, लेकिन अब निजी कंपनियों को भी इसकी सुविधा दी गई है. बैंकिंग, ट्रैवल, बीमा, हॉस्पिटैलिटी और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों में आधार प्रमाणीकरण से सेवाएं लेना आसान होगा. इससे फर्जी दस्तावेज़ों के उपयोग को रोका जा सकेगा और ग्राहक अनुभव पहले से अधिक सुरक्षित और तेज़ होगा

 

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Aadhaar FaceRD app (Face Authentication) से होने वाले फायदे और नुकसान 

 इससे होने वाले फायदे :

  • ईज़ ऑफ लिविंग को मिलेगा बढ़ावा: आधार प्रमाणीकरण का यह नया रूप नागरिकों के जीवन को और सरल बनाएगा. अब लंबी कागजी कार्यवाही और दस्तावेज़ों को संभालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. सिर्फ एक कैमरे के सामने चेहरा दिखाने से ही आपकी पहचान सत्यापित हो जाएगी, जिससे सरकारी और निजी सेवाएं तुरंत उपलब्ध होंगी.
  • तेज़ और झंझट-मुक्त सरल सेवाएं: अब होटल बुकिंग, हवाई यात्रा, ट्रेन रिज़र्वेशन, हेल्थकेयर सुविधाएं और बैंकिंग सेवाओं के लिए आईडी कार्ड रखने की जरूरत नहीं हबड़ी आसानी से केवल चेहरे की पहचान से ही सभी आवश्यक सेवाओं तक तत्काल पहुंच संभव होगी.
  • धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम: फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग और पहचान से जुड़ी धोखाधड़ी की घटनाओं को रोकने में यह तकनीक बेहद कारगर साबित होगी. चेहरे की पहचान को धोखा देना मुश्किल होता है, जिससे यह तरीका पारंपरिक प्रमाणीकरण से ज्यादा सुरक्षित रहेगा
  • बुजुर्गों और अनपढ़ लोगों के लिए सबसे सरल तरीका: OTP याद रखना या दस्तावेज़ संभालना बुजुर्गों और अनपढ़ लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है. ऐसे में फेस ऑथेंटिकेशन से उन्हें बड़ी राहत मिलेगी. अब वे केवल कैमरे के सामने चेहरा दिखाकर आसानी से अपनी सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे.
  • डेटा सुरक्षा और गोपनीयता का पूरा ध्यान: UIDAI के फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम को पूरी तरह सुरक्षित बनाया गया है. बिना उपयोगकर्ता की सहमति के डेटा का कहीं भी गलत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, जिससे निजता (Privacy) बनी रहेगी.
  • डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम: सरकारी और निजी कंपनियों के सहयोग से यह तकनीक डिजिटल सेवाओं के विस्तार में मदद करेगी. यह बदलाव डिजिटल इंडिया की मुहिम को और मजबूत करेगा और नागरिकों को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करेगा.

 इससे होने वाले नुकसान  :

  • सटीकता की समस्या: कुछ मामलो में ,एप्प का फेस ऑथेंटिकेशन सटीक रूप से काम नही करता, खासकर जब रौशनी कम हो या कैमरा की गुणवता अच्छी न हो|
  • इंटरनेट निर्भरता : इस एप्पको उपयोग करने के लिए स्थिर इंटरनेट कनेक्शन की जरूरत होती है, जिससे दूर-दराज में रहने वाले लोगो को दिक्कत हो सकती है|                                                                                                             
  • फेस पहचान में असफलता : बुजुर्गो,बीमार लोगो या चहरे की विशेषता में बदलाव (जैसे, चोट,या प्लास्टिक सर्जरी ) वाले लोग के लिए प्रक्रिया असफलता हो सकती है|

 

अब समय आ गया है कि दस्तावेज़ों के झंझट को छोड़कर फेस ऑथेंटिकेशन जैसी आधुनिक तकनीक को अपनाया जाए. यह नया दौर सेवाओं को तेज़, सुरक्षित और कागज-मुक्त बनाएगा, जिससे हर नागरिक को डिजिटल इंडिया का वास्तविक लाभ मिल सकेगा. 

 

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