रायपुर। शहर की शैक्षणिक और सामाजिक संस्था ‘युवा’ द्वारा CGPSC, SSC, बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए संडे स्पेशल क्लास के अंतर्गत एक विशेष प्रेरणादायक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. रविंद्र नाथ (एमडी कार्डियोलॉजी), अतिरिक्त निदेशक स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष रूप से उपस्थित होकर छात्रों को न केवल शारीरिक स्वास्थ्य बल्कि मानसिक संतुलन और सफलता की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया है।
आधुनिक जीवनशैली और हृदय संबंधी समस्याएं
डॉ. रविंद्र नाथ ने अपने संबोधन में बताया कि आजकल के युवाओं में अचानक हृदयाघात (Heart Attack) की घटनाएं बढ़ रही हैं, विशेषकर शादी या पार्टी के दौरान डीजे डांस करते समय या जिम करते समय। उन्होंने कहा कि यह घटनाएं शरीर के अंदर चल रहे असंतुलन और जीवनशैली की अनियमितताओं का परिणाम होती हैं। उन्होंने हृदय स्वास्थ्य के लिए सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया है।
जल और ग्लूकोज का महत्व
उन्होंने बताया कि पानी का हमारे शरीर में विशेष महत्व है। शरीर का ग्लूकोज स्तर यदि बहुत कम हो जाए तो यह हृदय को प्रभावित कर सकता है। समय-समय पर पानी पीना और संतुलित भोजन लेना बेहद आवश्यक है।
शरीर के संकेतों को पहचानें
डॉ. रविंद्र ने कहा कि हमें अपने शरीर द्वारा दिए जा रहे संकेतों को समझना सीखना चाहिए। उदाहरण स्वरूप, यदि गाड़ी चलाते समय नींद आने लगे या अचानक रास्ते में बार-बार पेशाब आने लगे, तो यह शरीर के अलार्म सिग्नल हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। इन संकेतों का पालन करने से हम गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
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इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का असर और नींद
उन्होंने UNESCO के एक शोध का हवाला देते हुए बताया कि सोने से 1.5 घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस (मोबाइल, लैपटॉप आदि) को बंद कर देना चाहिए, क्योंकि इनसे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
सिंक्न्रोनिसिटी और हार्मनी का महत्व
उन्होंने कहा कि हृदय के लिए सबसे ज़रूरी है शरीर और मन की सिंक्रोनिसिटी और हार्मनी। इसके लिए नियमित ध्यान, स्वस्थ भोजन और सकारात्मक सोच जरूरी है।
हृदय रोग के लक्षण और कारण
डॉ. रविंद्र ने हृदय रोग के प्रमुख लक्षण बताए जैसे – सीने में दर्द, सांस लेने में कठिनाई, थकान, धड़कन का तेज़ हो जाना, पसीना आना आदि। उन्होंने बताया कि युवाओं में हार्ट प्रॉब्लम के मुख्य कारण हैं:
1. अनियमित दिनचर्या
2. तनाव
3. फास्ट फूड
4. अत्यधिक कैफीन और तंबाकू का सेवन
5. व्यायाम की कमी
6. फाइबर और मिलेट्स का महत्व
उन्होंने छात्रों को बताया कि अपने आहार में फाइबर और मिलेट्स (जैसे रागी, ज्वार, बाजरा) को शामिल करने से हृदय की सेहत बेहतर होती है। यह न केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं, बल्कि पाचन क्रिया को भी सुधारते हैं।
अनियमित नींद के दुष्प्रभाव
उन्होंने चेताया कि देर रात तक जागना और देर तक सोना शरीर की जैविक घड़ी को प्रभावित करता है, जिससे हॉर्मोनल असंतुलन और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।
हृदय को स्वस्थ रखने के उपाय
– रोज़ाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना
– लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का उपयोग करना
– प्रतिघंटा पानी पीना
– मूनगा (ड्रमस्टिक) जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना
– संतुलित आहार लेना
छात्रों के सवालों के उत्तर
संगोष्ठी के अंत में छात्रों ने हृदय स्वास्थ्य, पढ़ाई के तनाव और नींद से संबंधित कई प्रश्न पूछे, जिनका डॉक्टर साहब ने सरल भाषा में उत्तर देकर उन्हें संतुष्ट किया है। उन्होंने छात्रों को जीवन में संतुलन और संयम बनाए रखने की सलाह दी।
धन्यवाद ज्ञापन में एम राजीव ने कहा
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए संस्था युवा के संस्थापक एम राजीव ने कहा कि इस संगोष्ठी ने छात्रों को न केवल अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण सिखाया, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व भी समझाया। मुख्य अतिथि डॉ रवींद्र नाथ का आज का उद्बोधन निश्चित रूप से युवाओं के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कारण सिद्ध होगा।
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