रायपुर में बर्खास्त शिक्षकों के धरने पर पुलिस ने देर रात कार्रवाई की और सभी को मौके से हटा दिया। यह धरना सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर किया गया था। सहायक शिक्षकों ने अभिभावकों के साथ मिलकर तेलीबांधा मरीन ड्राइव के पास नेशनल हाईवे पर चक्काजाम किया था।
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रायपुर में धरना दे रहे बर्खास्त शिक्षकों पर पुलिस ने लिया एक्शन, सभी को हटाया
सड़क जाम कर रहे सहायक शिक्षकों को हटाने के लिए देर रात पुलिस दलबल के साथ पहुंची। इस दौरान बलप्रयोग भी किया गया।
एक महीने से आंदोलनरत हैं बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक।
सहायक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग पर सरकार मौन।
बर्खास्त शिक्षकों के समर्थन में उतरे अभिभावक और कर्मचारी संगठन।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। सेवा सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर रविवार को अभिभावकों के साथ बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों ने तेलीबांधा मरीन ड्राइव के पास नेशनल हाईवे पर बैठकर चक्काजाम किया। देर रात पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को मौके से हटाया।
इसके पहले सहायक शिक्षकों के अभिभावक शांतिपूर्ण अनुनय यात्रा निकाल रहे थे। सभी सहायक शिक्षक अभिभावकों के साथ तेलीबांधा थाने के पास से अनुनय यात्रा शुरू की। घड़ी चौक स्थित आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करके अनुनय यात्रा समाप्त करनी थी।
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नेशनल हाईवे पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया
अनुनय यात्रा का उद्देश्य अपने बच्चों की व्यथा शासन-प्रशासन तक पहुंचानी था, लेकिन पुलिस ने तेलीबांधा के पास बैरिकेड लगाकर प्रतिभागियों को रोक लिया। प्रतिभागी और अभिभावकों ने तेलीबांधा मरीन ड्राइव के पास नेशनल हाईवे पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इस दौरान हाईवे पर करीब दो घंटे तक यातायात बाधित रहा, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अनुनय यात्रा की सूचना पुलिस को पहले दे दी गई थी। इसके बावजूद पुलिस ने बैरिकेड लगाकर हमारा रास्ता रोक लिया।
हमें शांतिपूर्वक भी अपनी समस्याओं को शासन-प्रशासन तक पहुंचाने नहीं दिया जा रहा है। हम पिछले एक महीने से शांतिपूर्ण रूप से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सरकार हमारी सुध नहीं लेती है तो हमारा प्रदर्शन और तेज होगा। हम सपरिवार धरना देंगे।
बच्चों के भविष्य का सवाल
प्रदर्शन में शामिल अभिभावकों ने कहा कि हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। बहुत सारे प्रतिभागी दूसरी सरकारी नौकरी छोड़कर शिक्षक बने हैं। उनके सामने परिवार चलाने की समस्या है।
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