रायपुर :- केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने महादेव सट्टेबाजी एप घोटाल में दर्ज की गई एफआईआर में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल को एक आरोपी के रूप में नामित किया है। सीबीआई ने कहा है कि बघेल घोटाले के लाभार्थियों में से एक हैं।
इससे पहले, छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले में दर्ज एफआईआर में बघेल का नाम शामिल था। ईओडब्ल्यू ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से इस मामले में दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी।
क्या है पूरा मामला?
महादेव बुक एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है, जिसे रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर द्वारा प्रमोट किया गया था। ये दोनों आरोपी वर्तमान में दुबई में रह रहे हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि महादेव बुक के प्रमोटरों ने अपने गैरकानूनी सट्टेबाजी नेटवर्क को निर्बाध रूप से संचालित करने के लिए सार्वजनिक सेवकों को बड़ी मात्रा में ‘प्रोटेक्शन मनी’ दी थी।
सीबीआई ने किया था बघेल के ठिकानोंमें छापेमारी
छापेमारी में क्या मिला?
सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी में बड़ी मात्रा में डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है। इनमें वित्तीय लेन-देन से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं। छापेमारी अब भी जारी है, और जांच एजेंसी जल्द ही और खुलासे कर सकती है।
घोटाले में कौन कौन है शामिल
रवि उप्पल, शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, भूपेश बघेल, नीतिश दीवान, सौरभ चंद्राकर, अनिल कुमार अग्रवाल उर्फ अतुल अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहुजा, धीरज आहुजा, अनिल दम्मानी, सुनील दम्मानी, भीम सिंह यादव, हरीशंकर तिबरवाल, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी।
आगे क्या होगा?
CBI की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, इस घोटाले से जुड़े और नाम सामने आ सकते हैं। इस पूरे मामले में सरकार और प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारियों की संलिप्तता की संभावना जताई जा रही है। महादेव बुक घोटाले ने पूरे देश में हलचल मचा दी है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि CBI इस मामले में क्या कदम उठाती है और दोषियों को सजा दिलाने में कितनी सफल होती है।
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