वेब-डेस्क :- वैदिक ज्योतिष में शनि गोचर एक महत्वपूर्ण घटना मानी गई है, क्योंकि इसका प्रभाव विभिन्न राशियों पर पड़ता है और जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। शनि को न्याय और कर्मफल दाता भी कहा जाता है, जो सही मार्ग पर चलने वालों को आशीर्वाद देते हैं और अनुचित कार्यों के प्रति कठोर दंड भी देते हैं। इस वर्ष 29 मार्च को शनि देव कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसी दिन अमावस्या भी पड़ रही है, ऐसे में इस गोचर का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह अवधि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दौरान कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए, अन्यथा शनि देव नाराज हो सकते हैं और जीवन पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आइए जानते हैं शनि गोचर के दौरान ऐसे कौन से काम हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए।
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शनि गोचर के दौरान न करें ये काम
- इस दिन नए बिजनेस, बड़े निवेश या कानूनी मामलों को टाल देना ही उचित रहेगा। शनि के इस गोचर काल में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें। यह समय नई योजनाओं के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है।
- इस दौरान यात्रा से भी बचना चाहिए। लंबी दूरी की यात्रा में आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक सफर की योजना न बनाएं।
- इस दौरान परिवार के बड़े सदस्यों या बॉस से बहस करने से बचें। शनि कर्म प्रधान ग्रह है और अनुशासन एवं धैर्य को प्राथमिकता देता है। इस समय किसी भी प्रकार के टकराव से बचना उचित माना जाता है।
- इस अवधि में कोई नौकरी संबंधी निर्णय, संपत्ति खरीदना, कोई डील करना या कानूनी मामलों को स्थगित कर देना बेहतर होगा। जल्दबाजी में लिए गए निर्णय बाद में परेशानी का कारण बन सकते हैं।
- इसके अलावा विवाह, संपत्ति निवेश, करियर में बदलाव जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें। यह समय परिवर्तन का संकेत देता है, इसलिए किसी भी स्थायी निर्णय को टालना लाभकारी रहेगा।
- इस दौरान अत्यधिक तनाव या थकान देने वाले काम को करने से बचें और खुद को आराम देने का प्रयास करें। साथ ही इस अवधि में अपने अंतर्ज्ञान (इंट्यूशन) पर ध्यान दें। शनि के प्रभाव से आपकी आंतरिक जागरूकता मजबूत हो सकती है, इसलिए अपने मन की आवाज को नजरअंदाज न करें।
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