वेब-डेस्क:- लोकायुक्त पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ पूरी होने के बाद अब आयकर विभाग और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) सौरभ शर्मा से पूछताछ कर सकते हैं। इसके लिए संबंधित जांच एजेंसियों को पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। कार से बरामद सोना, नकदी, डायरी और सौरभ के करीबी सहयोगियों के बयानों के आधार पर आयकर विभाग उनसे पूछताछ करेगा
विशेष न्यायालय ने 3 मार्च तक जेल भेज:- काली कमाई के मामले में आरोपित परिवहन विभाग के पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और उनके करीबी चेतन सिंह गौर व शरद जायसवाल को पीएमएलए के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश सचिन कुमार घोष ने 3 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मीडिया से बातचीत में सौरभ शर्मा ने कहा कि जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी। जब उनसे दुबई में संपत्ति को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया, “मेरी दुबई में कोई संपत्ति नहीं है। मैंने कोई गलत काम नहीं किया है। ईडी जांच कर रही है, और मैंने अपनी ओर से सारी सच्चाई बता दी है।” हालांकि, जब कार से 54 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिलने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
राजनेता-नौकरशाह गठजोड़ का पर्दाफाश :- ईडी ने तीनों आरोपितों को सात दिन की रिमांड पर लिया था। सोमवार को रिमांड की अवधि पूरी होने पर ईडी ने उन्हें विशेष अदालत में पेश किया। ईडी अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि मामले से जुड़े प्रमुख पहलुओं पर पूछताछ पूरी हो चुकी है, इसलिए आगे रिमांड की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। सुनवाई के दौरान आरोपितों और उनके वकीलों की बातचीत पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कोर्ट परिसर में आरोपितों के परिवारजनों की मौजूदगी पर भी आपत्ति जताई गई। सौरभ की मां उमा शर्मा से उनकी इशारों में बातचीत हुई, जबकि चेतन सिंह गौर ने न्यायालय से बाहर जाते समय उमा शर्मा का हाथ पकड़कर कुछ कहा।
ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट की मांग खारिज:- एडवोकेट सिद्धार्थ गुप्ता ने न्यायालय में न्याय मित्र बनने का आवेदन देते हुए आरोपितों का ब्रेन मैपिंग, पॉलिग्राफ और नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इस आवेदन को खारिज कर दिया।
जमानत पर आज होगी सुनवाई:- ईडी की रिमांड पूरी होने के बाद सौरभ शर्मा के वकील राकेश पाराशर ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और पीएमएलए की विशेष अदालत में नियमित जमानत याचिका दायर की है। इस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। पाराशर ने जमानत के पक्ष में तर्क दिया कि सौरभ ही अपने परिवार का एकमात्र सहारा हैं, जिसमें उनकी पत्नी, छोटे बच्चे और वृद्ध मां शामिल हैं। बैंक खाते फ्रीज होने के कारण परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकायुक्त की कार्रवाई के समय सौरभ कोई सरकारी पद पर नहीं थे, बल्कि अपने दोस्तों के साथ प्रॉपर्टी डीलिंग का व्यवसाय कर रहे थे।
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