वेब-डेस्क :- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को युगम सम्मेलन में कहा कि देश के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करने में शिक्षा प्रणाली का अहम योगदान है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार का उद्देश्य “भारत के लिए एआई को उपयोगी बनाना” है और वे शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
अनुसंधान में बढ़ा निवेश
उन्होंने कहा, “हमें भारत को भविष्य की हर प्रौद्योगिकी में विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए काम करना होगा।” उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए देश की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने की जरूरत है।
मोदी ने यह भी कहा कि 2013-14 में अनुसंधान एवं विकास पर सकल व्यय केवल 60,000 करोड़ रुपये था और अब इसे बढ़ाकर 1.25 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है।
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उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि विचार से लेकर प्रोटोटाइप और फिर उत्पाद तक की यात्रा कम से कम समय में पूरी हो। प्रतिभा, स्वभाव और प्रौद्योगिकी की त्रिमूर्ति भारत के भविष्य को बदल देगी।”
उन्होंने कहा, “भारत के विश्वविद्यालय परिसर गतिशील केन्द्रों के रूप में उभर रहे हैं, जहां युवाशक्ति अभूतपूर्व नवाचारों को बढ़ावा दे रही है।”
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