वेब-डेस्क :- हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामलों में पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हालिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि अब 20 से कम उम्र के लोग भी न सिर्फ हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं, बल्कि कई लोगों की मौत भी हुई है। लंबे समय से चली आ रही अवधारणा कि जो लोग फिट होते हैं या नियमित रूप से योग व्यायाम करते हैं, उन्हें हृदय रोगों का खतरा कम होता है अब इसपर भी सवाल उठने लगे हैं।
ऐसे कई मामले देखे गए हैं जिसमें रोज घंटों व्यायाम करने वाले, क्रिकेट जैसा फिटनेस आधारित खेल-खेलने वाले लोगों को भी हार्ट अटैक हो रहा है। ऐसे में सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि आखिर इसके लिए कौन से कारण जिम्मेदार हैं?
कुछ अध्ययनों में कहा जाता रहा है कि हम खाने में जिस तेल का इस्तेमाल करते हैं उसका भी हृदय स्वास्थ्य पर सीधा असर हो सकता है। क्या आप जिस तेल का सेवन करते हैं वह स्वस्थ और पौष्टिक है, कहीं बढ़ते हार्ट अटैक के पीछे खाने का तेल तो जिम्मेदार नहीं है ?
हृदय को स्वस्थ रखने में तेलों की भूमिका
खाने के तेल (कुकिंग ऑयल) का आपके हृदय स्वास्थ्य पर क्या असर होता है? इसे समझने के लिए हार्वर्ड हेल्थ के विशेषज्ञों की टीम ने अध्ययन किया।
शोधकर्ताओं ने हृदय सहित संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए रिफाइंड तेलों के इस्तेमाल को नुकसानदायक पाया है। असल में इन तेलों की उच्च तापमान पर प्रोसेसिंग की जाती है, जिसके कारण इनमें मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के तेलों में हानिकारक ट्रांस फैट की भी अधिक मात्रा होती है जिसके कारण शरीर में इंफ्लामेशन (सूजन) बढ़ने की दिक्कत हो सकती है, जिसे हृदय रोगों का प्रमुख कारण माना जाता रहा है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग अधिक मात्रा में रिफाइंड तेलों का सेवन करते हैं उनमें हृदय की समस्याओं का जोखिम काफी अधिक हो सकता है।
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स्मोक पॉइंट का खेल समझिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आप किस तेल का सेवन करते हैं इसका तो हार्ट हेल्थ पर असर होता ही है, साथ ही तेल के स्मोक पॉइंट की भी बढ़ती बीमारियों में महत्वपूर्ण भूमिका देखी जाती रही है। स्मोक पॉइंट उस तापमान को कहा जाता है जिस पर तेल जलना और धुआं देना शुरू करता है। हाई हीट प्वाइंट पर पहुंचने पर इसके स्वास्थ्य दुष्प्रभाव बढ़ने का खतरा रहता है।
कुछ तेलों से उच्च ताप पर खाना पकाने के नुकसान हो सकते हैं जैस- अलसी, पॉम ऑयल का स्मोक प्वाइंट कम होता है, ऐसे में अगर आप इनका खाना पकाने के लिए इस्तेमाल करते हैं तो इससे कम तापमान पर ही इसका ब्रेकडाउन शुरू हो सकता है। इसके दुष्प्रभावों के कारण शरीर में फ्री रेडिकल्स और इंफ्लामेशन बढ़ने का खतरा रहता है।
कौन से तेल सेहत के लिए ठीक नहीं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हृदय को स्वस्थ रखने के लिए उन तेलों से बचना चाहिए जिनमें सेचुरेटेड और ट्रांस फैट की अधिक मात्रा हो। पाम ऑयल और कुछ प्रोसेस्ड वनस्पति तेलों में इसकी अधिकता होती है। विशेष रूप से पॉम ऑयल में संतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है, जिससे एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है जिससे हृदय रोगों के जोखिम भी अधिक होता है।
किन तेलों को माना जाता है हेल्दी?
हृदय को स्वस्थ रखने के लिए कौन सा तेल खाना लाभकारी हो सकता है, इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट से भरपूर तेल आपके लिए अच्छा विकल्प माने जाते हैं। यही कारण है कि ऑलिव ऑयल और एवोकाडो ऑयल का मांग दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है।
एक अध्ययन में पाया गया कि अगर खाने में सूरजमुखी के तेल को शामिल किया जाए तो इससे कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करने के साथ सूजन, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
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