इन 6 चीजों से 60 उम्र तक सीधा खड़ा रहेगा ढांचा, अभी खा लेंगे तो..

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हेल्थ डेस्क :- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारे शरीर की ढांचे में ढांचागत कमजोरियों का अनुभव होने लगता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों की ताकत और सहनशीलता में कमी के रूप में प्रकट होती है। इन कमजोरियों का मुख्य कारण हड्डियों में कैल्शियम की कमी और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियाँ होती हैं, जो हड्डियों को पतला और कमजोर कर सकती हैं।

उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों की घनत्व घटने लगती है, जिसके परिणामस्वरूप वे अधिक नाजुक और आसानी से टूट सकने योग्य बन जाती हैं। इसके अलावा, जोड़ों में कार्टिलेज का घिस जाना और घुटनों तथा कूल्हों जैसे जोड़ों में दर्द और अकड़न की समस्याएं आम हो जाती हैं। मांसपेशियों की ताकत में कमी भी देखी जाती है, जिससे साधारण शारीरिक कार्य भी कठिन हो सकते हैं।

इन ढांचागत कमजोरियों का प्रभावशीलता से मुकाबला करने के लिए सही खानपान और जीवनशैली का पालन करना महत्वपूर्ण है। कैल्शियम से भरपूर आहार, जैसे दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां और सूखे मेवे, हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, विटामिन डी भी जरूरी है, क्योंकि यह कैल्शियम के अवशोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

व्यायाम, विशेष रूप से भार उठाने वाले व्यायाम, हड्डियों और मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में मदद करते हैं। नियमित चलने, तैराकी, योग और स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम पुराने लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होते हैं। जीवनशैली में बदलाव, जैसे धूम्रपान और अत्यधिक अल्कोहल सेवन से परहेज, भी हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।

इस प्रकार, सही खानपान और व्यायाम को अपने दैनिक जीवन में शामिल कर, और हड्डियों की नियमित जाँच के माध्यम से बुढ़ापे की लाठी बनकर ढांचे को मजबूत रखा जा सकता है। इस तरह से बुढ़ापे में हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है।

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कैल्शियम युक्त भोजन

कैल्शियम बॉडी का एक महत्वपूर्ण मिनरल है जो हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए आवश्यक है। यह न केवल मजबूत हड्डियों के निर्माण में सहायक होता है बल्कि ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस रोग के कारण हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और उनमें फ्रैक्चर होने की संभावना ज्यादा होती है। बुढ़ापे में स्वस्थ रहने के लिए कैल्शियम का सही मात्रा में सेवन अत्यावश्यक है।

कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए, हमें अपने दैनिक आहार में कुछ विशेष फूड्स शामिल करने चाहिए। इनमें सबसे प्रमुख हैं:

  • दूध: यह सबसे आसान और सदाबहार स्रोत है और बचपन से बुढ़ापे तक हमारे लिए आवश्यक है।
  • दही: दही में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है और यह आसानी से पचने योग्य भी होता है।
  • पनीर: पनीर भी कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, केल, और ब्रोकली जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां भी कैल्शियम से भरपूर होती हैं।

इन चुनिंदा फूड्स को अपने आहार में शामिल करके, हम न केवल कैल्शियम की कमी से होने वाली समस्याओं से बच सकते हैं बल्कि हमारी हड्डियाँ मजबूत और स्वस्थ भी रह सकती हैं। कैल्शियम का नियमित सेवन हमें उम्र के साथ आने वाली हड्डियों की समस्याओं से भी सुरक्षित रखता है और हमें बुढ़ापे में किसी सहारे की आवश्यकता नहीं पड़ती।

प्रोटीन हमारे शरीर की संरचना के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो न केवल मांसपेशियों को मजबूत बनाने बल्कि उन्हें संरक्षित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बुढ़ापे में मांसपेशियों की कमी या मांसलताओं का लोप आम समस्या होती है, जिसे “सार्कोपिनिया” कहा जाता है। प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ इस प्रक्रिया को धीमा करने और मांसपेशियों की शक्ति को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।

दालें और फलियां

दालें और फलियां प्रोटीन के उत्कृष्ट स्रोत होते हैं। मूँग की दाल, मसूर की दाल, चना, और राजमा जैसे खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने में सहायक हो सकते हैं। वे फाइबर और विटामिन्स से भी भरपूर होते हैं, जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान करते हैं।

सूखे अंजीर
दो सूखे अंजीर में लगभग 65 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। आप इन्हें ओटमील के ऊपर काटकर या स्मूदी में मिलाकर खा सकते हैं। आप इन्हें पनीर के साथ या पिज्जा टॉपिंग के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्लांट मिल्क
आप आम तौर पर गाय के दूध को कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत मानते हैं, और यह वाजिब भी है। लेकिन बादाम, चावल या सोया से बने दूध को आमतौर पर फोर्टिफाइड किया जाता है ताकि कैल्शियम का स्तर गाय के दूध के समान हो: 8 औंस में 350 से 400 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।

बादाम और बादाम का मक्खन
बादाम को अनगिनत स्वास्थ्य लाभ के लिए जाना जाता है। आधा कप बादाम में ही 190 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जबकि 2 बड़े चम्मच बादाम के मक्खन में 111 मिलीग्राम कैल्शियम होता है। यह प्रोटीन का भी तगड़ा स्रोत है।

सफेद बीन्स
सफेद बीन्स में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है और कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। इसके अलावा यह फाइबर, प्रोटीन कैल्शियम का बढ़िया स्रोत है। एक कप सफेद बीन्स में लगभग 190 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जो आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए काफी है।

विटामिन D, मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स

हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत रखने के लिए कैल्शियम तो महत्वपूर्ण है ही, लेकिन इसके साथ ही विटामिन D, मैग्नीशियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स का सेवन भी उतना ही आवश्यक है। विटामिन D शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ावा देता है और इसे मजबूत बनाता है। सूरज की रोशनी विटामिन D का प्रमुख स्त्रोत है, लेकिन इसे अन्य खाद्य पदर्थों जैसे अंडे की जर्दी, मछली और दूध से भी प्राप्त किया जा सकता है।

मैग्नीशियम हड्डियों के निर्माण और ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कैल्शियम के साथ मिलकर हड्डियों की सख्ती में सुधार करता है और साथ ही मांसपेशियों की क्रियाशीलता को भी सुधारता है। मैग्नीशियम के प्रमुख स्त्रोत हरी पत्तेदार सब्जियाँ, नट्स, बीज, और साबुत अनाज हैं। अपने आहार में इन चीजों को शामिल करके हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखा जा सकता है।

ओमेगा-3 फैटी एसिड भी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अनिवार्य है। यह सूजन को कम करने में मदद करता है और ह्रदय और मस्तिष्क के साथ-साथ हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के सर्वप्रमुख स्त्रोत हैं मछली का तेल, फ्लैक्ससीड्स और वॉलनट्स। इन पदार्थों को अपने रोजमर्रा के आहार में शामिल करके आप कुल मिलाकर बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति कर सकते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट्स के सेवन से हड्डियों का डैमेज कम होता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव होता है। विटामिन C और E युक्त फल और सब्जियाँ जैसे कि बेरीज़, सिट्रस फल, गाजर, और पालक एंटीऑक्सीडेंट्स के उत्कृष्ट स्त्रोत हैं। इन्हें नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करके, बुढ़ापे में हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है।

Disclaimer: यह लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है.हम इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करते हैं | हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें, हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है |

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